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### **1. DMK का प्रस्ताव और तर्क**
- **तमिलनाडु सरकार** (DMK के नेतृत्व में) ने आधिकारिक दस्तावेजों, स्कूली पुस्तकों और सरकारी संचार में **तमिल रुपये के प्रतीक (௹)** का उपयोग करने का प्रस्ताव रखा।

- **तर्क**: यह प्रतीक **चोल साम्राज्य** से जुड़ा है और तमिल भाषा एवं संस्कृति की पहचान को दर्शाता है।
- **DMK नेता उदयनिधि स्टालिन** ने कहा कि जिस तरह तमिल के अपने अंक (௧, ௰, ௱) हैं, उसी तरह आधिकारिक दस्तावेजों में तमिल रुपये का प्रतीक भी होना चाहिए।
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### **2. केंद्र सरकार का विरोध**
**वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण** और **BJP के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार** ने इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए निम्नलिखित कारण दिए:
#### **कानूनी और संवैधानिक मुद्दे**
- **भारतीय सिक्का अधिनियम, 2011** के तहत **₹** को रुपये का एकमात्र आधिकारिक प्रतीक माना गया है।
- **RBI अधिनियम** और **वित्त मंत्रालय के नियम** क्षेत्रीय मुद्रा प्रतीकों की अनुमति नहीं देते।
- **संविधान का अनुच्छेद 343** आधिकारिक कार्यों के लिए हिंदी और अंग्रेजी अंकों का उपयोग अनिवार्य करता है, हालांकि राज्य स्थानीय प्रशासन में क्षेत्रीय भाषाओं का प्रयोग कर सकते हैं।
#### **आर्थिक और प्रशासनिक चुनौतियाँ**
- **बैंकिंग और डिजिटल भुगतान**: **UPI, RBI के नेटवर्क और अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर** केवल **₹** को पहचानते हैं। दोहरी प्रणाली से तकनीकी समस्याएँ हो सकती हैं।
- **राज्यों के बीच लेनदेन**: व्यापार और कर दस्तावेजों में एकरूपता जरूरी है; अलग प्रतीक से भ्रम फैल सकता है।
- **वैश्विक पहचान**: **₹** को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है। राज्य-विशेष प्रतीक से भारतीय मुद्रा की पहचान कमजोर हो सकती है।
#### **राजनीतिक विवाद**
- **BJP** ने DMK पर **"फूट डालो राजनीति"** का आरोप लगाया और कहा कि यह माँग अन्य राज्यों (जैसे **पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी टका प्रतीक**) को भी प्रोत्साहित करेगी।
- **निर्मला सीतारमण** ने कहा कि DMK तमिलनाडु में **बेरोजगारी और कर्ज** जैसे मुद्दों से ध्यान भटका रहा है।
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### **3. जनता और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया**
#### **तमिल प्रतीक के समर्थन में**
- **तमिल राष्ट्रवादी समूह** और **DMK समर्थक विद्वानों** का कहना है कि यह प्रतीक तमिल इतिहास का हिस्सा है और **सांस्कृतिक संरक्षण** के लिए इसे स्वीकार किया जाना चाहिए।
- **कुछ अर्थशास्त्रियों** ने **दोहरे प्रदर्शन** (जैसे **₹ (௹)**) का सुझाव दिया, जैसा कि जापान में **¥** और **円** का प्रयोग होता है।
#### **विरोध के तर्क**
- **उद्योग संगठनों** (जैसे **CII तमिलनाडु**) ने चेतावनी दी कि यह **वित्तीय रिपोर्टिंग को जटिल** बना देगा।
- **कानूनी विशेषज्ञों** ने कहा कि मुद्रा प्रतीक **संघ सूची (एंट्री 36)** के अंतर्गत आते हैं, इसलिए यह केंद्र का विषय है।
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### **4. वर्तमान स्थिति और संभावित परिणाम**
- **कोई औपचारिक अनुमति नहीं**: **RBI** और **वित्त मंत्रालय** ने अभी तक इस बदलाव को मंजूरी नहीं दी है।
- **क्या प्रतीकात्मक उपयोग होगा?**: तमिलनाडु सरकार **गैर-आधिकारिक संदर्भों** (जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों) में **௹** का उपयोग कर सकती है।
- **राजनीतिक टकराव**: DMK **2026 विधानसभा चुनाव** से पहले इसे **"तमिल गौरव"** के एजेंडे के रूप में उठा सकता है।
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### **5. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि**
- **₹ प्रतीक** को **2010** में अपनाया गया था, जिसे एक तमिल व्यक्ति **उदय कुमार** ने डिजाइन किया था। विडंबना यह है कि कुछ तमिल कार्यकर्ता **௹** को अधिक पुराना बताते हैं।
- तमिलनाडु ने पहले भी **वाहन नंबर प्लेट्स में तमिल अंकों** की माँग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने **राष्ट्रीय एकरूपता** के पक्ष में फैसला दिया।
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### **आगे क्या होगा?**
- अगर DMK जिद करता है, तो यह मामला **अदालत** तक जा सकता है या **बड़ा राजनीतिक विवाद** बन सकता है।
- **केंद्र एक समझौता** भी कर सकता है, जैसे कि **௹** को सांस्कृतिक संदर्भों में अनुमति देना, लेकिन वित्तीय दस्तावेजों में नहीं।
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