एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 हादसे का शिकार: 270 की मौत, बोइंग 787 विमानों की उड़ान पर उठे सवाल
अहमदाबाद | 12 जून 2025 — भारत की प्रमुख एयरलाइन एयर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट AI171 बुधवार सुबह टेक-ऑफ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे में अब तक 270 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि एक महिला यात्री जीवित बची हैं और गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं।
दुर्घटना के बाद पूरे देश में शोक और चिंता की लहर दौड़ गई है। इस विमान हादसे ने एक बार फिर भारत में हवाई यात्रा की सुरक्षा, बोइंग विमानों की तकनीकी विश्वसनीयता और विमानन नियामकों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना का पूरा विवरण
घटना बुधवार सुबह लगभग 10:15 बजे की है जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई थी। चश्मदीदों के अनुसार, विमान के उड़ान भरने के तुरंत बाद इसके इंजन से धुआं निकलने लगा। कुछ ही मिनटों में विमान ने संतुलन खो दिया और एयरपोर्ट से करीब तीन किलोमीटर दूर एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
दुर्घटना इतनी भयावह थी कि विमान जमीन से टकराते ही उसमें आग लग गई। दमकल और राहत दल घटनास्थल पर तुरंत पहुंचे, लेकिन विमान में लगी आग ने बचाव कार्य को काफी कठिन बना दिया। कई शव पूरी तरह से जल चुके थे, जिससे पहचान की प्रक्रिया भी कठिन हो गई है।
ब्लैक बॉक्स और प्रारंभिक जांच
Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) ने दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है। जांचकर्ताओं को दुर्घटनास्थल से ब्लैक बॉक्स और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) बरामद हो गए हैं। दोनों उपकरणों को दिल्ली स्थित प्रयोगशाला भेजा गया है, जहां विशेषज्ञ यह पता लगाने का प्रयास करेंगे कि विमान ने तकनीकी खराबी के संकेत कब और कैसे दिए।
AAIB अधिकारियों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह संदेह जताया गया है कि इंजन फेल्योर और सिस्टम फॉल्ट की वजह से यह हादसा हुआ। हालांकि, अंतिम निष्कर्ष जांच पूरी होने के बाद ही जारी किया जाएगा।
DGCA का निर्देश: देशभर में सभी बोइंग 787 विमानों की जांच
दुर्घटना के बाद नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने देशभर में संचालित सभी बोइंग 787 विमानों की तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। DGCA के मुताबिक:
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हर विमान का इंजन, ईंधन प्रणाली और सॉफ़्टवेयर कंट्रोल सिस्टम की पूरी जांच की जाएगी।
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पिछली मरम्मत, उड़ान लॉग्स और रखरखाव रिकॉर्ड का विश्लेषण किया जाएगा।
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जिन विमानों में संभावित खामी पाई जाती है, उन्हें तत्काल सेवा से हटाया जाएगा।
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जांच रिपोर्ट तीन दिन के भीतर मांगी गई है।
DGCA प्रमुख विक्रम देव ने कहा, “हम इस हादसे को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा।”
सरकारी प्रतिक्रिया और मुआवजा घोषणाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा शोक जताया है और मृतकों के परिजनों के लिए ₹10 लाख की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। इसके अलावा सरकार ने अहमदाबाद, मुंबई और लंदन में हेल्पलाइन सेंटर शुरू किए हैं ताकि परिजनों को आवश्यक सहायता मिल सके।
विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “यह घटना बेहद दुखद है। हम जांच को पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न कराएंगे और यदि किसी भी स्तर पर चूक पाई जाती है तो जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी।”
बोइंग की साख पर सवाल, यात्रियों में डर
यह विमान हादसा ऐसे समय में हुआ है जब वैश्विक विमान निर्माता कंपनी Boeing पहले से ही कई देशों में अपने विमानों को लेकर आलोचना का सामना कर रही है। भारत में बोइंग 787 विमानों का प्रयोग कई प्रमुख एयरलाइंस जैसे एयर इंडिया, विस्तारा और इंडिगो करती हैं। अब इन विमानों की सुरक्षा को लेकर यात्रियों में संशय पैदा हो गया है।
दुर्घटना के बाद लंबी दूरी की फ्लाइट्स में टिकट रद्द करवाने की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। एक ट्रैवल एजेंसी के अनुसार, "सिर्फ एक दिन में ही अहमदाबाद और दिल्ली से लंदन की 60 से ज्यादा टिकटें रद्द करवाई गईं।"
विशेषज्ञों की राय
विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि यह हादसा एक गंभीर चेतावनी है। भारत में लंबे समय से तकनीकी निरीक्षणों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। दिल्ली स्थित एक विमानन सलाहकार ने बताया, “भारत में उड़ान सुरक्षा अब भी भारी यात्री संख्या और कम स्टाफ के बीच दबाव में काम कर रही है। यह हादसा बदलाव की एक सख्त मांग करता है।”
निष्कर्ष
AI171 की यह दुर्घटना भारत के विमानन इतिहास के सबसे भयावह हादसों में से एक बन गई है। 270 से अधिक लोगों की जान जाना केवल एक तकनीकी त्रुटि नहीं, बल्कि व्यवस्था की विफलता का परिणाम भी हो सकता है।
अब सभी की निगाहें AAIB की जांच रिपोर्ट पर हैं। क्या यह हादसा एकल इंजन फेल्योर का मामला था? क्या विमान की मेंटेनेंस में कोताही बरती गई थी? या फिर सिस्टम सॉफ्टवेयर में खराबी थी?
इन सभी सवालों का जवाब आने वाले हफ्तों में सामने आएगा। लेकिन तब तक यह ज़रूरी है कि भारत में विमानन सुरक्षा मानकों को फिर से सख्ती से लागू किया जाए और यात्रियों के जीवन को प्राथमिकता दी जाए।


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